आधे से कम पंजीकृत विद्यार्थी ही अभी तक भर सके हैं परीक्षा फार्म.नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली बार आयोजित होने जा रही कालेज में सेमेस्टर परीक्षा.

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आधे से कम पंजीकृत विद्यार्थी ही अभी तक भर सके हैं परीक्षा फार्म.नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली बार आयोजित होने जा रही कालेज में सेमेस्टर परीक्षा.

डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति तो लागू कर दी गई, लेकिन इसके अंतर्गत होने वाली सेमेस्टर की पढ़ाई व परीक्षा की पर्याप्त तैयारी न हो पाने से समस्या विकराल हो रही है। इसका खामियाजा विवि से संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी भुगत रहे हैं। परीक्षा सिर पर है, लेकिन विद्यार्थी किसी तरह परीक्षा फार्म भर रहे हैं। कई ने परीक्षा फार्म गलत भरा तो बड़ी तादाद में छात्रों का परीक्षा फार्म अधूरा है। इसकी वजह विवि की आधी अधूरी वेबसाइट है, विवि की जिस वेबसाइट पर जाकर विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म भरना है, उसमें कई कमियां हैं। उसे नई शिक्षा नीति के हिसाब से अपडेट किया गया। 

छात्र नेता अजय मिश्र कहते हैं कि वेबसाइट खोलते ही समस्याएं सामने आ जाती हैं। कई महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने बताया कि परीक्षा फार्म भरने से लेकर आनलाइन विषय चयन में समस्या ही समस्या है। विद्यार्थियों के वेबसाइट खोलने पर दो मेजर की जगह तीन विषय खुलते हैं। जब वह दो विषय सेलेक्ट करते हैं तो तीनों सेलेक्ट हो जाते हैं। यही हाल माइनर व इलेक्टिव विषयों की सूची का है, जो एक साथ खुलती हैं। इसके अतिरिक्त सामुदायिक कार्यों तथा एक स्किल आधारित विषय विद्यार्थी को चुनना होता है। कई कालेजों में अभी तक आधे से कम विद्यार्थी ही फार्म भर सके हैं। 

स्किल आधारित कोर्स के अंतर्गत स्किल इंडिया की सूची के विषयों को विवि ने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है, जबकि अलग-अलग कालेजों में इन विषयों की भिन्न भिन्न सूची है। इसी का पाठन- पाठन हो रहा है। इसी में से विद्यार्थियों को एक विषय का चुनाव करना होता है। झुनझुनवाला डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. करुणेश त्रिपाठी ने परीक्षा फार्म भरने से जुड़ी छात्रों की शिकायतों के बारे में बताया। इसी तरह गनपत सहाय डिग्री कालेज के प्राचार्य डा.जेएन मिश्रा ने भी कहा कि समस्या आ रही है। 

विद्यार्थियों की शिकायत के बारे में परीक्षा नियंत्रक को अवगत कराया गया है। झुनझुनवाला डिग्री कालेज के छात्रों ने बताया कि इलेक्टिव में बायोटेक्नालाजी विषय विवि की वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हो रहा जबकि इसकी पढ़ाई गत चार माह से चल रही है। प्राचार्यों ने बताया कि पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों को दो मेजर, एक माइनर, एक इलेक्टिव, एक स्किल व एक सामुदायिक कार्य विषय का चयन करना होता । इस तरह कुछ विषय सेलेक्ट करने होते हैं।



अचानक बदला विषय

अयोध्या: सामुदायिक विषय के अंतर्गत पहले व्यक्तित्व विकास संबंधित विषय था। पर गत 11 नवंबर को विवि ने स्वास्थ्य शिक्षा पर आधारित विषय अनिवार्य कर दिया। जबकि कालेजों में व्यक्तित्व विकास की पढ़ाई हो रही थी।

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