पापी से पापी आत्मा को भी मुक्त करती है श्रीमद्भागवत कथा : चिन्मयानंद बापू

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पापी से पापी आत्मा को भी मुक्त करती है श्रीमद्भागवत कथा : चिन्मयानंद बापू

श्रीमद् भागवत कथा ही एकमात्र ऐसी कथा है इसके अंदर जीवित व्यक्ति के साथ साथ मरे हुए व्यक्ति को भी मुक्त करने का सामर्थ है।

नोएडा। महर्षि आश्रम महर्षी नगर नोएडा  के रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस में संत श्री चिन्मयानंद बापू जी ने कहा श्रीमद् भागवत कथा ही एकमात्र ऐसी कथा है इसके अंदर जीवित व्यक्ति के साथ साथ मरे हुए व्यक्ति को भी मुक्त करने का सामर्थ है। कोई भी व्यक्ति कितना भी पाप किया हो, जीवन भर कितनी भी गलत कार्यों में लिप्त रहा हो, ऐसे व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात यदि उसके नाम से श्रीमद भागवत कथा कर दी जाए तो वह भी मुक्त हो जाता है।

श्री बापू जी ने कहा की भागवत कथा के अंदर गोकर्ण धुंधकारी संवाद में हमें यही बताया गया कि जीवन भर धुंधकारी ने पाप किया और बाद में गोकर्ण ऋषि ने उनके नाम से श्रीमद् भागवत कथा का गान किया और वह मुक्त हुए। बापूजी ने कहा कि जहां पर भागवत कथा होती है वहां पर उस समय में सारे तीर्थ सारी नदियां सारे देवता विचरण करते हैं।

श्रीमद् भागवत कथा कल्पतरू की तरह है जिसकी शरण में बैठने पर हमारी सारी मनोकामनाएं भागवत कथा पूर्ण करती है। बापूजी ने कहा कि भागवत कथा में जो व्यक्ति जिस मनसा के साथ बैठता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन व्यक्ति की भावना पवित्र हो और संसार के मंगल की कामना उसके मन में हो ऐसे व्यक्ति की मनोकामना भागवत कथा से पूर्ण होती है।


इस कायर्क्रम मे विनीत श्रीवास्तव, शिशिर श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव, रामेन्द्र सचान, गिरीश अग्निहोत्री, दया शंकर गुप्ता, राघवेन्द्र यादव, प्रमोद रागना, नरेन्दर सिंह, श्रीकांत ओझा अदि लोग मौजूद थे।

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