अयोध्या: सनातन परंपरा का नया अध्याय लिखने जा रहा रामायण विश्वविद्यालय

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अयोध्या: सनातन परंपरा का नया अध्याय लिखने जा रहा रामायण विश्वविद्यालय

अयोध्या, जिसे श्रीराम की नगरी और सनातन परंपरा का आधार माना जाता है, एक ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ रही है। नेशनल हाईवे 32 पर स्थित रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 80% पूरा हो चुका है। यह 500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर को संजोने का एक अद्भुत प्रयास है। महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के निर्देशन में बन रहा यह संस्थान 21 एकड़ क्षेत्र में फैला है और अप्रैल 2025 तक इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।

अयोध्या, जिसे श्रीराम की नगरी और सनातन परंपरा का आधार माना जाता है, एक ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ रही है। नेशनल हाईवे 32 पर स्थित रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 80% पूरा हो चुका है। यह 500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर को संजोने का एक अद्भुत प्रयास है। महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के निर्देशन में बन रहा यह संस्थान 21 एकड़ क्षेत्र में फैला है और अप्रैल 2025 तक इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।

रामायण पर रिसर्च का केंद्र

रामायण विश्वविद्यालय का उद्देश्य भारतीय धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से रामायण, पर गहन शोध और अध्ययन को बढ़ावा देना है। यहां छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं मिलेंगी। संस्थान का फोकस रामायण की महत्ता को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करना और इसे शोधकर्ताओं के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।

भवन और सुविधाएं

नेशनल हाईवे 32 पर स्थित रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 80% पूरा हो चुका है। यह 500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर को संजोने का एक अद्भुत प्रयास है। महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के निर्देशन में बन रहा यह संस्थान 21 एकड़ क्षेत्र में फैला है और अप्रैल 2025 तक इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।


रामायण विश्वविद्यालय में कुल 12 चार मंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे, ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जा सके। प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सक्सेना ने कहा, "यह एक अद्वितीय शैक्षणिक संस्थान होगा, जो न केवल भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा, बल्कि इसे नई पीढ़ी के सामने आधुनिक तरीके से प्रस्तुत करेगा।"

विविध पाठ्यक्रम और अनुभवी शिक्षक

यह विश्वविद्यालय अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और शोध पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा। छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह संस्थान स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर शोधकर्ताओं और स्कॉलर्स के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।

भारतीय संस्कृति का संरक्षण

रामायण विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि रामायण जैसे महान ग्रंथों के अध्ययन और शोध के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करना भी है। यह संस्थान छात्रों को सनातन परंपरा से जुड़ने और भारतीय मूल्यों को समझने का अनोखा अवसर प्रदान करेगा।

अयोध्या में बन रहा यह विश्वविद्यालय न केवल धार्मिक और शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक माध्यम भी बनेगा। रामनगरी अयोध्या के लिए यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी।

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